BYD को भारत में लगा झटका: भारत और चीन के बीच लंबे समय से व्यापारिक और रणनीतिक तनाव चल रहा है। ऐसे में भारत की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) नीति ने एक बार फिर चीन को बड़ा झटका दिया है। चीन जहां लगातार भारत के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है|
वहीं भारत सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है जिससे चीन की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी BYD (Build Your Dreams) की योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
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BYD दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक है और यह वैश्विक स्तर पर Tesla को कड़ी टक्कर दे रही है। कंपनी ने भारत में $1 अरब (₹8300 करोड़) के निवेश की योजना बनाई थी, लेकिन भारत सरकार इस निवेश प्रस्ताव को लेकर अब तक चुप्पी साधे हुए है। इसके पीछे भारत की रणनीतिक सोच और सुरक्षा संबंधी चिंताएं मुख्य वजह हैं।
भारत की नई EV नीति क्या कहती है?
भारत सरकार की नई EV नीति के अनुसार, विदेशी कंपनियों को भारत में इलेक्ट्रिक कारों का आयात करने की अनुमति दी गई है, लेकिन कुछ सख्त शर्तों के साथ:
- 15% इंपोर्ट ड्यूटी: कंपनियां सीमित संख्या में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को सिर्फ 15% शुल्क पर भारत में आयात कर सकती हैं।
- स्थानीय निर्माण अनिवार्य: कंपनी को भारत में तीन साल के भीतर फैक्ट्री या असेंबली यूनिट लगानी होगी।
- न्यूनतम निवेश: इसके लिए कंपनी को कम से कम $500 मिलियन (₹50 करोड़) का निवेश करना अनिवार्य होगा।
इस नीति का मुख्य उद्देश्य भारत में EV निर्माण को प्रोत्साहित करना, विदेशी तकनीक को आकर्षित करना और रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। इसके अलावा सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भारत केवल एक बाजार बनकर न रह जाए, बल्कि वैश्विक उत्पादन हब की भूमिका निभाए।
बिंदु | विवरण |
---|---|
नीति का नाम | भारत की नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) नीति |
प्रभावित देश | चीन (BYD कंपनी) |
मुख्य शर्तें | 15% इंपोर्ट ड्यूटी, 3 साल में फैक्ट्री अनिवार्य |
न्यूनतम निवेश | $500 मिलियन (₹50 करोड़) |
सरकारी रुख | सुरक्षा व रणनीतिक हित सर्वोपरि |
प्रभावित कंपनियाँ | BYD (चीन), Tesla (अमेरिका) |
चीन की BYD और भारत की सख्ती
BYD ने भारत में बड़े पैमाने पर निवेश और उत्पादन की योजना बनाई थी। कंपनी भारत को दक्षिण एशिया में एक प्रमुख EV हब बनाना चाहती थी। लेकिन भारत सरकार ने अभी तक BYD के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। इसके पीछे कई वजहें हैं:
1. रणनीतिक और सुरक्षा चिंताएं
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में एक बयान में कहा कि सरकार को यह देखना होता है कि निवेश करने वाली कंपनियां नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की अनैतिक व्यापारिक गतिविधियों में शामिल न हों। चीन पर यह आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं कि वह तीसरे देशों के जरिए सस्ते दामों पर प्रोडक्ट डंप करता है जिससे स्थानीय उद्योगों को नुकसान होता है।
2. चीन की ‘डंपिंग नीति’
चीन पर यह भी आरोप है कि वह कई बार अपने उत्पादों को सब्सिडी के जरिए थर्ड पार्टी कंट्री में भेजकर भारत जैसे बाजारों में कम कीमत पर बेचता है। इससे स्थानीय उद्योगों को भारी नुकसान होता है। भारत सरकार इस प्रकार की रणनीति को लेकर सजग है और चीनी कंपनियों की गहन जांच कर रही है।
3. सीमा विवाद के बाद सख्त नीति
साल 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में टकराव के बाद भारत ने चीन के निवेश को लेकर अपनी नीति में बदलाव किया था। अब किसी भी चीनी कंपनी को भारत में निवेश करने से पहले सरकार की मंजूरी अनिवार्य हो गई है। यही कारण है कि BYD के प्रस्ताव पर भी सरकार विचार कर रही है लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
Tesla बनाम BYD: भारत किसे चुनेगा?
भारत सरकार लंबे समय से अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी Tesla को देश में फैक्ट्री लगाने के लिए आमंत्रित कर रही है। Elon Musk की कंपनी भी भारत में प्रवेश को लेकर उत्सुक रही है, लेकिन आयात शुल्क और नीतियों को लेकर बातचीत लंबी खिंचती रही।
अब भारत की नई EV नीति से Tesla को भी राहत मिल सकती है, बशर्ते वह भारत में फैक्ट्री लगाए और निवेश करे। दूसरी तरफ BYD, जो पहले से ही EV क्षेत्र में अग्रणी है, को भारत सरकार की रणनीतिक सोच के कारण फिलहाल पीछे हटना पड़ सकता है।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. भारत की नई EV नीति का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस नीति का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का स्थानीय उत्पादन बढ़ाना, विदेशी निवेश आकर्षित करना और तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
Q2. EV आयात पर कितना शुल्क लगेगा?
उत्तर: EV आयात पर केवल 15% इंपोर्ट ड्यूटी लगेगी, बशर्ते कंपनी भारत में फैक्ट्री लगाए और ₹50 करोड़ का निवेश करे।
Q3. BYD का भारत में निवेश क्यों रोका गया है?
उत्तर: सुरक्षा, रणनीतिक हितों और चीन की व्यापारिक नीतियों के कारण BYD के निवेश प्रस्ताव पर सरकार अभी विचार कर रही है।
Q4. Tesla को भारत में क्या फायदा होगा?
उत्तर: Tesla को भारत में प्रवेश का बेहतर मौका मिल सकता है क्योंकि अमेरिका के साथ भारत के व्यापारिक संबंध बेहतर हैं और सरकार उसे आमंत्रित भी कर रही है।
Q5. क्या सभी चीनी कंपनियों को निवेश से रोका गया है?
उत्तर: नहीं, लेकिन 2020 के बाद से किसी भी चीनी निवेश को केंद्र सरकार की अनुमति जरूरी है। यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति को ध्यान में रखकर बनाई गई है।