भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Gold Loan से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब सिर्फ पारंपरिक गहनों (ज्वेलरी) और बैंकों द्वारा बेचे गए गोल्ड कॉइन्स (50 ग्राम तक) को ही गिरवी रखकर लोन लिया जा सकेगा। गोल्ड बार, सिल्वर, गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसी चीजों पर अब लोन नहीं मिलेगा।
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क्या है RBI का नया ड्राफ्ट?
RBI ने एक नया ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें Gold Loan से जुड़े नियमों को सख्त किया गया है। इसके मुताबिक:
- सिर्फ गोल्ड ज्वेलरी और बैंक के कॉइन्स ही वैध – अब केवल फिजिकल गोल्ड (गहने) और बैंक द्वारा बेचे गए 50 ग्राम तक के गोल्ड कॉइन्स को ही लोन के लिए स्वीकार किया जाएगा।
- गोल्ड बार, ETF और म्यूचुअल फंड यूनिट्स पर बैन – इन्हें गिरवी रखकर लोन लेना अब बंद हो गया है।
- ओनरशिप का प्रमाण जरूरी – अगर गहनों का बिल नहीं है, तो बैंक को मालिकाना हक साबित करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेजीकरण करना होगा।
- लोन की अवधि 12 महीने तक सीमित – पर्सनल Gold Loan की अधिकतम अवधि अब सिर्फ 1 साल होगी।
- छोटे बैंकों पर ₹5 लाख की लिमिट – कोऑपरेटिव बैंक और रीजनल रूरल बैंक्स (RRBs) अब ₹5 लाख से ज्यादा का गोल्ड लोन नहीं दे सकेंगे।
विषय (Topic) | विवरण (Details) |
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RBI का नया नियम | अब सिर्फ गोल्ड ज्वेलरी और बैंक द्वारा बेचे गए 50 ग्राम तक के गोल्ड कॉइन्स पर ही लोन मिलेगा। |
क्या अब स्वीकार नहीं? | गोल्ड बार, सिल्वर, गोल्ड ETF, म्यूचुअल फंड यूनिट्स को गिरवी रखकर लोन नहीं मिलेगा। |
अधिकतम समय सीमा | पर्सनल Gold Loan की अवधि अब 12 महीने तक सीमित। |
छोटे बैंकों पर प्रतिबंध | कोऑपरेटिव और ग्रामीण बैंक ₹5 लाख से ज्यादा का गोल्ड लोन नहीं दे सकेंगे। |
मुख्य उद्देश्य | सिस्टम को सुरक्षित, पारदर्शी और जोखिम-मुक्त बनाना। |
RBI ने ये बदलाव क्यों किए?
RBI के मुताबिक, ये कदम बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:
- फिजिकल कंट्रोल की कमी – गोल्ड ETF और म्यूचुअल फंड यूनिट्स फिजिकल रूप में नहीं होते, जिससे इन पर नियंत्रण रखना मुश्किल होता है।
- मार्केट वैल्यू में उतार-चढ़ाव – गोल्ड ETF और फंड्स की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं, जिससे बैंकों को जोखिम बढ़ जाता है।
- लिक्विडिटी की समस्या – गोल्ड बार या ETF को जल्दी से नकदी में बदलना आसान नहीं होता, जबकि गहनों को आसानी से नीलाम किया जा सकता है।
इसका किस पर प्रभाव पड़ेगा?
- आम लोगों के लिए असुविधा – जिन लोगों ने गोल्ड ETF या म्यूचुअल फंड यूनिट्स खरीदे थे, वे अब उन्हें गिरवी रखकर लोन नहीं ले पाएंगे।
- बैंकों के लिए सुरक्षा – बैंकों को अब केवल भरोसेमंद और आसानी से ट्रैक किए जा सकने वाले गोल्ड पर ही लोन देना होगा, जिससे उनका जोखिम कम होगा।
- ज्वेलर्स को फायदा – अब लोगों को Gold Loan के लिए गहने खरीदने होंगे, जिससे ज्वेलरी बाजार को फायदा हो सकता है।
निष्कर्ष
RBI का यह फैसला बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। हालांकि, इससे उन लोगों को परेशानी हो सकती है जो गोल्ड ETF या बार पर लोन लेते थे। अब अगर आप Gold Loan लेना चाहते हैं, तो आपके पास सिर्फ गहने या बैंक के कॉइन्स ही एकमात्र विकल्प बचेंगे।
आपको RBI का यह फैसला कैसा लगा? कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं!