IndusInd Bank एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार नकारात्मक वजहों से। बैंक के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में बड़ी अकाउंटिंग गड़बड़ी सामने आई है, जिससे बैंक को 10,979 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ है। इस घटना के बाद IndusInd Bank के टॉप मैनेजमेंट में बड़े बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें CEO Sumant Kathpalia और डिप्टी सीईओ अरुण खुराना के इस्तीफे की चर्चा शामिल है।
इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि:
- क्या है डेरिवेटिव्स घोटाला?
- कैसे पता चला यह घोटाला?
- बैंक के शेयरों और निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ा?
- आरबीआई और बैंक की प्रतिक्रिया क्या रही?
Table of Contents
डेरिवेटिव्स घोटाला: क्या हुआ?
PwC की रिपोर्ट में खुलासा
- अक्टूबर 2024 में, IndusInd Bank की दो डेरिवेटिव डील्स के आंकड़े मेल नहीं खा रहे थे।
- बाद में PwC (PricewaterhouseCoopers) की ऑडिट रिपोर्ट में पता चला कि पिछले 5-7 सालों से कई डेरिवेटिव डील्स को गलत तरीके से अकाउंटिंग में दिखाया गया था।
- इस गड़बड़ी से बैंक को 10,979 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसका असर 2024-25 की वित्तीय रिपोर्ट में दिखेगा।
कौन है जिम्मेदार?
- अरुण खुराना (डिप्टी सीईओ और ग्लोबल मार्केट्स हेड) के नेतृत्व वाले विभाग में यह गड़बड़ी हुई।
- CEO Sumant Kathpalia (सीईओ) की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पहलू | मुख्य जानकारी |
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घटना | IndusInd Bank के डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो में 10,979 करोड़ रुपये की अकाउंटिंग गड़बड़ी पाई गई। |
प्रभावित अधिकारी | सीईओ सुमन कतपालिया, डिप्टी सीईओ अरुण खुराना और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के इस्तीफे की अटकलें। |
जांच एजेंसी | PwC (प्राइसवाटरहाउसकूपर्स) की ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा। |
शेयर प्रभाव | एक दिन में 27% की रिकॉर्ड गिरावट, फिर 16 अप्रैल को 6.86% की तेजी। |
निवेशक प्रतिक्रिया | म्यूचुअल फंड्स (कोटक, क्वांट) ने हिस्सेदारी घटाई, रिटेल निवेशकों ने बढ़ाया निवेश। |
आरबीआई की भूमिका | बैंक को नया सीईओ चुनने के निर्देश, CEO Sumant Kathpalia का कार्यकाल मार्च 2026 तक बढ़ा। |
IndusInd Bank Share पर प्रभाव
एक दिन में 27% की गिरावट
- 10 मार्च 2025 को जब यह खबर सामने आई, तो IndusInd Bank Share 27% गिरे, जो बैंक के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट थी।
रिकवरी में तेजी
- 16 अप्रैल 2025 को शेयरों में 6.86% की बढ़त दर्ज की गई।
- NIFTY पर बैंक का शेयर ₹786.35 पर बंद हुआ।
निवेशकों की प्रतिक्रिय
म्यूचुअल फंड्स ने घटाई हिस्सेदारी
फंड का नाम | हिस्सेदारी (दिसंबर 2024) | वर्तमान हिस्सेदारी |
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कोटक म्यूचुअल फंड | 1.26% | 0% (पूरी तरह बाहर) |
क्वांट म्यूचुअल फंड | – | पूरी तरह बाहर |
LIC | 5.23% | 5.08% |
रिटेल निवेशकों ने बढ़ाया निवेश
- ₹2 लाख तक के निवेशकों की संख्या 6.17 लाख से बढ़कर 7.47 लाख हुई।
- उनकी हिस्सेदारी 7.9% से बढ़कर 9.17% हो गई।
आरबीआई और बैंक की प्रतिक्रिया
आरबीआई के निर्देश
- CEO Sumant Kathpalia का कार्यकाल मार्च 2026 तक बढ़ाया गया।
- लेकिन, बैंक को नए सीईओ की तलाश शुरू करने के निर्देश दिए गए।
बैंक का बयान
- “हमें मैनेजमेंट बदलाव के कोई निर्देश नहीं मिले।”
- “अकाउंटिंग प्रक्रियाओं को मजबूत किया जा रहा है।”
क्या होगा आगे?
IndusInd Bank का यह मामला वित्तीय अनियमितताओं की एक बड़ी घटना है। अगले कुछ महीनों में निम्न बातें देखने को मिल सकती हैं:
- टॉप मैनेजमेंट में बदलाव (सीईओ/डिप्टी सीईओ के इस्तीफे)।
- SEBI/RBI की सख्त कार्रवाई।
- शेयर प्राइस में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
- शेयरों में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
- बैंक की अगली तिमाही रिपोर्ट पर नजर रखें।